चाणक्य नीति
चाणक्य सूत्र :- ६९
।। न देवचरितं चरेत् ।।
भावार्थ : मनुष्य का कर्तव्य है कि वह उस प्रकार का काम न करे जो राजा के योग्य होते हैं। अर्थात् मनुष्य को राजा के चरित्र का अनुकरण नहीं करना चाहिए। इसका भावार्थ यह है कि मनुष्य को धन के अभिमान में आकर राजा के समान मुकुट और छत्र आदि धारण नहीं करने चाहिए जिनका प्रयोग केवल राजा के लिए ही निश्चित होता है। सामान्य मनुष्यों को ऐसा करना उचित नहीं। भाव यह है कि जन-सामान्य का ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे उसे राजा का प्रतिद्वंद्वी माना जाए।।६९।।




