युवाओं को समाजसेवा का महत्त्व जताए: राजेश झाड़े

नागपुर – “समाज सेवा एक जीबनपयोगी धर्म व कर्म है । किसी भी समाज सेवी ने अपने व्यक्तिगत स्वार्थो का त्याग कर केवल समाज के सर्वागीण विकास मूलक उद्देश्य को ही विशेष महत्व देना चाहिये । किसी भी समाज संगठन में युवावर्ग की भूमिका को अनदेखा नहीं किया जा सकता है। युवा शक्ति से समाज को गति मिलती है अत: युवाओं को समाजसेवा को महत्व प्रतिदर्शन से अवगत कराना आज की विशिष्ठ आवश्यकता है।”

उक्त विचार महाराष्ट्र क्रिराड़ किरात समाज नागपुर के द्वितीय एवं नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष श्री राजेश झाडे (पाटील) ने व्यक्त किये। महाराष्ट्र क्रे एकमेव 30 वर्ष पुराने समाज संगठन के महत्व को स्पष्ट करते हुए श्री झाडे ने कहा कि ‘संगठन बनाना तो सरल है परन्तु उस सगठन को पूर्णत: वैधानिक प्रक्रियाओं के तहत चलाना और दायित्विक जबाबदारियों का निर्वाहन करना अत्यंत कठिन है। संगठन में पदाधिकारियों/सभासदों के नामों का कार्यक्रम उपरांत चेंज रिपोर्ट द्वारा संवैधानिक परिवर्तन अत्यन्त आवश्यक है । ऐसा न करने पर सगठन का कोई औचित्य नहीं रह जाता है, केवल नाममात्र के पदाधिकारी व सभासद से समाज में गलत संदेश जाता है । वही ऐसी दुष्पवृति जिला राज्य व देश की राष्ट्रीय सामाजिक कार्यकारिणी क्रो भी प्रभावित करती है और संगठन मनमाने रूप से चलने लगता है तथा 10 साल, 15 साल यहाँ तक कि 20 व 25 वर्षों तक एक को कार्यकारिणी स्वयंधभू बनकर समाज विकास में बाधक हो जाती है। यह एक जनजागृति का विषय है जिसे सभी को अच्छे से समझकर आगे अदना होगा।”

इस महत्वपूर्ण बैठक में कार्यकारिणी के पदाधिकारी व सभासद उपस्थित थे । इसकी अध्यक्षता पूर्व प्रथम कोषाध्यक्ष एवं वरिष्ठ निष्ठावान समाजसेवी तो प्रेमदास जी बरबटे ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि- ‘आज समाज में समाजसेवा कम व आरोप-प्रत्यारोप का एक चलन फैशन सा बनता जा रहा है । जो ऊर्जावान है तथा वास्तव में समाज सेवा करने के लिए पद का मोह त्यागकर समाज को आगे बढाने का काम करते है वही सम्मान का सही हकदार होता है । परन्तु पद पर बने रहने का मोह लोग त्यागते नहीं है, यहीं सबसे बड़े दुर्भाग्य की बात है।’

नवीन गठन के महासचिव एवं वक्ता एवं प्राचार्य डॉ. तेजसिंह किशोरसिंह किराड़ ने कहा कि समाज विकास की विचारधारा सतत प्रभावी होती है, परन्तु कुछ मौका परस्त लोग पद हथिया लेने के लिए अनेक हथकंडे अपनाते हुए जिन्हें वास्तव में समाज सेवा है कोई सरोकार नहीं रहता है । आपसी सामंजस्य की विचारधारा को छोड़ एक दूसरे को नीचा दिखाने की संकीर्ण मानसिक प्रवृति के कारण वे लोग न तो समाज का भला करते हैं, और न ही अपने सामाजिक होने का लाभ ही समाज को दे पाते हैं। उन्होंने कहा कि- अब सामाजिक होने व दर्शाने का समय आ गया है कि सभी एकजुट होकर क्षेत्रीय स्तर पर रचनात्मक क्रियात्मक एवं संवैधानिक कार्यो को करने का दायित्विक निर्वाह करें । जो काम कर रहे है, उन्हें आगें बढाये न कि किसी काम करने चालों की आलोचना करें, या न उन्हें हतोत्साहित करें।

संगठन के कोषाध्यक्ष एवं धीर गंभीर व्यक्तिगत के धनी श्री कन्हैयालात्न धाकड़ ने “युवा कार्यकारिणी व महिला’ कार्यकारिणी के शीघ्र गठन करने की बात कहीं, जिससे सभी उम्र वर्ग को समाज सेवा करने का सुअवसर प्राप्त हो सके। रामटेक किराड़ धर्मशाला के अध्यक्ष एवं सभासद श्री धनराज डी. काठोके (मनसर) ने कहा कि- ‘महाराष्ट्र राज्य की इस 30 बर्ष उगे संस्था को मनो एक नया जीवन प्राप्त हुआ है इस संगठन को देश के समाज संगठन में एक नई पहचान मिलेगी । ‘किराड़-किरात समाज’ मासिक पत्रिका से नई क्रांति का संचार होगा। मैट्रोमोनी एवं वेबसाईट से युवावर्गों में परिचय संबंध बढ़ेंगे। नवीन परिभाषाओं से रिश्तों में प्रगाढ़ता बढ़ेंगी।

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